Table of Contents
Toggleमां बागेश्वरी मंदिर बलबल द्वारी, गिद्धौर
झारखंड अपनी प्राचीन इतिहास, मंदिर, खनिज और अपनी प्राकृतिक संपदा के लिए पूरे दुनिया भर में जाना जाता है। झारखंड पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ प्रदेश है। यहां अनेक मंदिर हैं जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं, इन्हीं मंदिरों में से एक है मां बागेश्वरी देवी का प्रसिद्ध मंदिर चतरा जिला के गिद्धौर प्रखंड के द्वारी पंचायत में स्थित है। यह मंदिर बहुत ही भव्य और प्रसिद्ध है। यही कारण है कि यहां सालों भर माता के भक्तों की भीड़ लगी रहती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से मां से मन्नत मांगते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। बलबल का मंदिर अति प्राचीन है।
बलबल मंदिर का विडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।
https://youtu.be/3EWn6NBoA-8
बलबल मंदिर – मुख्य मंदिर में प्राचीन माता, बागेश्वरी माता और शीतला माता विराजमान है। इसी मंदिर प्रांगण में भगवान भोलेनाथ, मां पार्वती, श्री गणेश आदि देवता विराजमान हैं। मुख्य मंदिर के दाहिनी और श्री राम के परम भक्त पवन पुत्र हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित की गई है। बलबल मंदिर चतरा हजारीबाग मुख्य पथ के बगल में हीं स्थित है। मंदिर पहुंचने पर आपको एक दिव्य शक्ति का एहसास होगा जहां आप अपने सारे दुखों को भूल जाएंगे और आपके शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। दोस्तों आपको जब भी समय मिले माता के मंदिर के दर्शन को एक बार सपरिवार जरुर पहुंचे और मां बागेश्वरी का आशीर्वाद प्राप्त करें।
मां बागेश्वरी मंदिर परिसर में श्री राम भक्त बजरंग बली की एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जिसका अनुमानित लागत 2 करोड रुपए है। मंदिर के कुछ भाग का निर्माण किया गया है, मंदिर में उपयोग किए गए पत्थर लाल बलुवा पत्थर है।
गर्म जल कुंड – यहां पर एक गर्म जल कुंड है जहां से निरंतर गर्म जल निकलते रहता है। महिलाओं एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग गर्म जल कुंड का निर्माण किया गया है। गर्म जल कुंड साफ, सुंदर और स्वच्छ है जहां भक्तजन स्नान करके माता के दर्शन को जाते हैं। कुंड में इस गर्म जल कुंड में स्नान करने से शरीर के सारे चर्म रोग दूर हो जाते हैं इसलिए इस जल कुंड में नहाने के लिए प्रत्येक दिन सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
प्राचीन कुआं – गर्म जल कुंड के बगल में ही अति प्राचीन कुआं है, इस जल का उपयोग पूजा अर्चना के लिए किया जाता है।
मेला – मकर संक्रांति के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 15 दिवसीय मेला का आयोजन किया जाता है इस मेले में भारत के विभिन्न राज्यों से व्यापारी अपने सामान को बेचने के लिए आते हैं। यहां का मेला पूरे देश भर में प्रसिद्ध है।
मकर संक्रांति के अवसर पर श्रद्धालु गर्म जल कुंड में स्नान करके चूड़ा, दही, तिलकुट का सेवन करते हैं।
विवाह और मुंडन – यहां पर शादी विवाह और मुंडन आदि संस्कार भी किए जाते हैं इस मंदिर प्रांगण में लग्न के समय में काफी संख्या में शादी विवाह होता है। नव वर- वधू मां बागेश्वरी से आशीर्वाद लेकर अपने दाम्पत्य जीवन की शुरुआत करते हैं । ऐसा कहा जाता है कि जिन जोड़ों की शादी मां बागेश्वरी मंदिर परिसर में होती है उनका जीवन सदा खुशियों से भरा रहता है।
बलबल मंदिर कैसे पहुंचे – मां बागेश्वरी मंदिर पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मंदिर चतरा हजारीबाग का मुख्य सड़क के बगल में ही स्थित है। चतरा एवं हजारीबाग से नियमित रूप से बस चलते रहती है। गिद्धौर से मंदिर की दूरी 15 किलोमीटर, चतरा से 32 किलोमीटर, हजारीबाग से 29 किलोमीटर, चौपारण से 52 किलोमीटर, राज्य की राजधानी रांची से 124 किलोमीटर, वहीं दिल्ली से 1107 किलोमीटर मंदिर की दूरी है।
रेल मार्ग – अगर आप रेल मार्ग से आना चाहते हैं तो निकटतम रेलवे स्टेशन कटकमसांडी रेलवे स्टेशन और हजारीबाग रेलवे स्टेशन है। यहां पहुंचने के बाद आप बस या टैक्सी के द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं। कटकमसांडी रेलवे स्टेशन 5.4 किलोमीटर है। वहीं हजारीबाग रेलवे स्टेशन मंदिर की दूरी 30 किलोमीटर है।
हवाई मार्ग- दोस्तों अगर आप हवाई मार्ग से बलबल मंदिर पहुंचना चाहते हैं तो निकटतम हवाई अड्डा बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची है, जहां से मंदिर की दूरी 128 किलोमीटर है। रांची पहुंचने के बाद आप बस के द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
बलबल मंदिर पहुँचने का गूगल मैप