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प्रकृति की खुबसूरत वादियों में बसा है टंडवा प्रखंड और इसी प्रखंड में है प्रसिद्ध चुंदरू धाम । चुंदरू धाम झारखंड के चतरा जिला में है। टंडवा में प्रकृति ने खुलकर अपनी छटा बिखेरा है। यह सूर्य मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है यहां प्रत्येक दिन भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से भगवान भास्कर से जो भी मन्नतें मांगते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। मंदिर के बगल से हीं एक नदी बहती है। नदी में बहुत सारे चट्टान है जिस पर ऐसी नकाशी है जिसे देखने पर ऐसा लगता है मानो हम कहीं दूसरे दुनिया में आ गए हैं। विशाल नदी के बीच में चारों ओर से चट्टान के ऊपर बना शिव लोक में भगवान भोलेनाथ का एक भव्य शिवलिंग है जहां पहुंचते ही आपके सारे दुख दूर हो जाएंगे।
चुंदरू धाम का वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
https://youtu.be/fcv5zqPfXH8
नदी नदी में पत्थरों पर की गई नकाशी – पत्थरों पर की गई नकाशी इतनी सुंदर है कि आपके मन को मोह लेगा। आपकी नजरे गड़ी की गड़ी रह जाएंगी । आप जब यहां जाएंगे तो आप यहीं के होकर रह जाएंगे आपको यहां से जाने का दिल नहीं करेगा। ऐसी किंवदंती है कि दो चट्टानों के बीच एक खाई है जिसकी गहराई का पता आज तक कोई भी नहीं लगा पाया है।पत्थरों पर की गई नकाशी किस काल की है आज तक कोई भी जान नहीं पाया है। पत्थर पर हाथी एवं बाघों के पैर के निशान हैं जिसे आप वहां पहुंचकर देख सकते हैं। नदी में उतरकर पत्थरों पर चलना खतरों से खेलने के बराबर है, अगर आप वहां देखने के लिए जाते हैं तो संभल कर जाएं क्योंकि यह खतरा भरा हो सकता है। मेरा सलाह है कि आप नदी के किनारे से हीं पत्थरों पर की गई नकाशी का दीदार करें और उसका आनंद ले। बहुत सारे लोग इस गहराई को रस्सी से नापना चाहा पर उनकी रस्सी छोटी पड़ गई इतनी गहरी खाई है।
मुख्यमंदिर- चुंदरू धाम में स्थित सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र सूर्य मंदिर है यह बहुत ही सुंदर बनाया गया है। जहां पूजा करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। मुख्य मंदिर के बगल में ही स्थित हैं श्री राम भक्त बजरंगबली जी भव्य मूर्ति। जो भी भक्त सूर्य मंदिर में पूजा करते हैं वे भक्त पवन पुत्र हनुमान जी की भी पूजा अर्चना जरूर करते हैं ताकि उनके जीवन की सारे संकट दूर हो जाए।
इस मंदिर प्रांगण में शादी विवाह भी होता है। लगन के समय में यहां विवाह करने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। शादी मुहूर्त के समय यहां प्रत्येक दिन सैकड़ो शादियां होती है। ऐसी मान्यता है कि यहां जिन जोड़ों की शादी होती है उनका पारिवारिक जीवन बहुत ही अच्छा रहता है।
चुंदरू धाम में बच्चों का मुंडन भी किया जाता है। मुंडन के शुभ मुहूर्त पर यहां मुंडन करने वाले परिवारों की भारी भीड़ लगी रहती है।
मंदिर परिसर के आसपास खाने-पीने की अनेक दुकानें हैं जहां नाश्ता एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध है।
मंदिर देखने आए तो कहां रुके – दोस्तों अगर आप चुंदरू धाम का प्रसिद्ध सूर्य मंदिर देखने के लिए आते हैं तो यहां रुकने के लिए अनेक होटल है जिसके लिए आपको टंडवा मुख्य चौक जाना होगा।
टंडवा एक कोयला नगरी है। यहां कोयला की अनेक खदानें हैं इसलिए यहां कोयला ढुलाई के लिए हाईवा दिन- रात रास्ते में चलती रहती है। सड़क के दोनों और कोयला का डस्ट से काला पड़ गया है। आप जब यहां जाएंगे तो आपके कपड़े भी गंदा होने की बहुत ज्यादा संभावना है क्योंकि कोयला खदान से कोयले की कालिख हवा में उड़ते रहती है।
चुंदरू धाम कैसे पहुंचे – दोस्तों चुंदरू धाम पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं। चुंदरू धाम चतरा जिला मुख्यालय 46 किलोमीटर, टंडवा मुख्य बाजार से 1 किलोमीटर, हजारीबाग से 45 किलोमीटर, रांची से 82 किलोमीटर, दिल्ली से 1095 किलोमीटर जब की कोलकाता से इसकी दूरी 434 किलोमीटर है। चौधरी डम मुख्य सड़क के किनारे हीं स्थित है इसीलिए यहां पहुंचने के लिए कोई दिक्कत नहीं होगी। यहां आप बस, टैक्सी या फिर अपनी बाइक से आ सकते हैं।
रेल मार्ग- अगर आप रेल मार्ग से आना चाहते हैं तो निकटतम रेलवे स्टेशन हजारीबाग, रांची रेलवे स्टेशन और गया जंक्शन है। हजारीबाग रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 45 किलोमीटर, रांची रेलवे स्टेशन से 82 किलोमीटर जब की गया रेलवे स्टेशन से 127 किलोमीटर है।
हवाई मार्ग – हवाई मार्ग से आने के लिए आपको बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची आना होगा वहां से बस के द्वारा आप टंडवा का प्रसिद्ध चूंदरू धाम पहुंच सकते हैं और भगवान सूर्य देव का दर्शन कर सकते हैं।