ईको हट, दुमका / Eko Hat, Dumka

ईको हट, दुमका / Eko Hat, Dumka

झारखंड के उप राजधानी दुमका के मसानजोर डैम की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। डैम चारों ओर से पहाड़ियों और जंगलों से घिरा हुआ है। यह डैम कुल्लू, मनाली की पहाड़ी की याद दिलाता है। यहां आकर आप अपने आप को खो जाएंगे। मसानजोर डैम दुमका से 31 किलोमीटर क दूर मयूराक्षी नदी पर बनाया गया है। इस डैम की प्राकृतिक सुंदरता देखने के लिए देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सैलानी यहां भारी संख्या में पहुंचते हैं। जाड़े के मौसम में प्रवासी पंछी भी यहां पहुंचते हैं। वर्तमान में मसानजोर डैम के बगल में ही झारखंड का पहला ईको हट बनकर तैयार हो गया है। नए साल में अगर आप हिल स्टेशन का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो आपको एक बार दुमका के मसानजोर डैम जरूर जाना चाहिए।
ईको हट पहाड़ों और जंगलों से मिलने वाले पाइन की लकड़ी से तैयार किया गया है। ईको हट में कंक्रीट का नाम मात्र का उपयोग किया गया है। सभी कैमरे और हाल पाइन वुड के लकड़ी से ही तैयार किए गए हैं।
इस ईको हट को बनाने में करीब 6 करोड रुपए खर्च हुए हैं। इसका निर्माण दुमका वन प्रमंडल द्वारा कराया गया है। यहां कमरे एवं हाल बनाने में ढाई वर्ष का समय लगा है। कुल कमरे एवं हाल की संख्या 24 है। ईको हट का निर्माण लकड़ी से किए जाने के कारण इसकी प्राकृतिक सुंदरता और बढ़ गई है। भवन और कमरे इको फ्रेंडली है जो सैलानियों को अपनी और आकर्षित करते हैं। मार्च 2025 से इसकी ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू होने की संभावना है।
अगर आप हिल स्टेशन घूमने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो आपको एक बार झारखंड के उप राजधानी दुमका के मसानजोर डैम के पास बने ईको हट टूरिज्म प्लेस जरुर विजिट करना चाहिए क्योंकि यहां आकर दार्जिलिंग, कुल्लू, मनाली, कश्मीर के खूबसूरत वादियों का एहसास होगा। यहां की प्राकृतिक खूबसूरत वादियों में नौका विहार का भी मजा लिया जा सकता है। आज यहां पर्यटन स्थल पूरे विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। यही कारण है कि सैकड़ो की संख्या में प्रतिदिन यहां पर्यटक पहुंचते हैं

हाल एवं कमरे में लकड़ी पर बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है जिसे देखने पर राजा- महाराजाओं के घर का फीलिंग आता है।

मसानजोर डैम का शिलान्यास सन् 1952 ईस्वी में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था। इस डैम का लोकार्पण 1955 ईस्वी में किया गया था। मसानजोर डैम का निर्माण उस समय के बिहार एवं पश्चिम बंगाल सरकार की देखरेख में कनाडा सरकार के आर्थिक सहयोग से किया गया था। इसलिए इस डैम को कनाडा डैम के नाम से भी जाना जाता है। डैम के पानी का उपयोग पश्चिम बंगाल में खेतों की सिंचाई के लिए किया जाता है दम में कुल 24 गेट है। मसानजोर डैम की सुरक्षा की जिम्मेदारी झारखंड सरकार की है। मसानजोर डैम से उत्पन्न बिजली की सप्लाई पश्चिम बंगाल राज्य को की जाती है।

ईको हट कैसे पहुंचे


ईको हट पहुंचने के लिए आप सड़क, मार्ग रेलवे मार्ग या फिर हवाई मार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सड़क मार्ग – सड़क मार्ग से आने के लिए आपको सबसे पहले दुमका जिला मुख्यालय आना होगा। वहां से आप बाइक टैक्सी से मसानजोर डैम आना होगा। दुमका जिला मुख्यालय के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से बस सेवा उपलब्ध है। यहां आप कर बाइक टैक्सी से पहुंच सकते हैं और यहां की प्राकृतिक सुंदरता को निहार सकते हैं।
रेलवे मार्ग – रांची से दुमका रेलवे स्टेशन की दूरी करीब 276 किलोमीटर है। ईको हट दुमका रेलवे स्टेशन से लगभग 30 किलोमीटर और सीउडी रेलवे स्टेशन से 35 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप बस, कार, टोटो से मसानजोर डैम तक पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग – यहां का निकटतम हवाई अड्डा देवघर हवाई अड्डा है। जहां पहुंचने के बाद आप सड़क मार्ग से मसानजोर डैम के पास बने एक है का लुफ्त उठा सकते हैं।देवघर हवाई अड्डा से मसानजोर डैम की दूरी 101 किलोमीटर है।

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